नौकरी दिलाने और प्रमाण पत्र के नाम पर 6.20 लाख की ठगी, दर्ज़ हुए
आजमगढ़ : जिले में नौकरी दिलाने और फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने ठगी का मुकदमा दर्ज किया है। पहला मामला अहरौला थाना क्षेत्र का है, जहां रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी का आरोप लगा है। दूसरा मामला जीयनपुर थाना क्षेत्र का है, जहां फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर 1.20 लाख रुपये की ठगी की गई।
अहरौला थाना क्षेत्र के दाऊदपुर गांव निवासी शिवकुमार सोनकर ने हसनाडीह गांव के अतुल गौड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। शिवकुमार ने बताया कि उनकी शाहपुर बाजार में मैंगो जूस की दुकान है, जहां अतुल गौड़ अक्सर आता था। अतुल ने रेलवे में नौकरी दिलाने का दावा करते हुए उनसे पांच लाख रुपये कई किश्तों में लिए, जिसमें 50 हजार रुपये यूबीआई खाते में ट्रांसफर किए गए। जब शिवकुमार को अतुल की धोखाधड़ी का पता चला और उन्होंने पैसे मांगे, तो अतुल ने धमकी दी।
तीन अगस्त 2024 को अहरौला थाने में दोनों पक्षों में समझौता हुआ, जिसमें अतुल ने 50 हजार रुपये नकद और हर महीने 15 हजार रुपये देने का वादा किया। हालांकि, दो महीने बाद उसने भुगतान बंद कर दिया और पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। इसके बाद शिवकुमार ने अहरौला थाने में मुकदमा दर्ज कराया। थाना प्रभारी इंचार्ज कुलदीप सिंह यादव ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
वहीं, जीयनपुर कोतवाली में क्षेत्र के बाजबहादुर निवासी अबुहातिम ने छत्तरपुर दलेल निवासी दानिश के खिलाफ फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर 1.20 लाख रुपये की ठगी का मुकदमा दर्ज कराया है।
अबुहातिम ने बताया कि दानिश ने मूकबधिर व्यक्ति के बैनामा के लिए एडीएम वित्त कार्यालय से प्रमाण पत्र बनवाने का दावा करते हुए फरवरी में सगड़ी तहसील पर 20 हजार रुपये लिए। इसके बाद व्हाट्सएप कॉल के जरिए सभी दस्तावेज लेकर 1 लाख रुपये और लिए। दानिश ने फर्जी प्रमाण पत्र देकर बैनामा के लिए तहसील भेजा, लेकिन 6 मार्च को बैनामा कराने पहुंचने पर प्रमाण पत्र फर्जी होने का खुलासा हुआ। पैसे मांगने पर दानिश ने राशि लौटाने से इनकार कर दिया। जीयनपुर पुलिस ने दानिश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
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