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आजमगढ़ से लापता तीन बहनें महाराष्‍ट्र के पालघर से बरामद



आजमगढ़ : जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र से लापता हुई तीन चचेरी बहनों को पुलिस ने 12 दिन बाद महाराष्ट्र प्रांत के पालघर जिले के तुंगारेश्वर हाटा वसई बाजार से बरामद किया। सोमवार को पुलिस तीनों को लेकर जीयनपुर कोतवाली पहुंची। दो बहनों को मुंबई से आई उनकी मां ले गई थीं, जबकि तीसरी घूमने के लिए उनके साथ हो ली।

जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली तीन नाबालिग चचेरी बहनें आठ सितंबर को घर से दवा लेने के लिए मनिकाडीह बाजार गईं थीं। इन्होंने जनसेवा केंद्र से 300 रुपये निकाले। इसके बाद तीनों लापता हो गईं। दो दिनों तक अपने स्तर से खोजबीन करने के बाद परिजनों ने जीयनपुर कोतवाली में गुमशुदगी की तहरीर दी थी। लापता हुई लड़कियों में शामिल एक लड़की के पास मोबाइल था। लोकेशन के आधार पर पुलिस ने तीनों लड़कियों का लोकेशन महराष्ट्र प्रांत के पालघर जिले में ट्रेस किया। इसके बाद जीयनपुर कोतवाली पुलिस लोकेशन पर पहुंच गई। जहां से तीनों को बरामद कर पुलिस टीम सोमवार को वापस लौटी। लापता तीनों लड़कियों में दो की मां पालघर में रहती हैं। उन्हीं के पास तीनों बच्चियां गईं थीं। जरूरी पूछताछ के बाद बच्चियों के परिजनों के हवाले कर दिया गया।

जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के बर्जला गांव के राजेश की चार बेटियां हैं। इनमें दो अपनी मां के साथ मुंबई, तो दो अन्य अंशिका और अनामिका अपने चाचा रविंद्र के साथ रहती हैं। रविंद्र व उनकी पत्नी लाली में मनमुटाव के बाद बेटियों को रखने को लेकर दो-दो का बंटवारा हुआ है। राजेश गुजरात में रहते हैं, जबकि बेटियों की देखभाल के लिए अपने भाई के यहां छोड़ रखे थे। इधर मां का बेटियों के लिए प्रेम जगा तो वह आठ सितंबर को मुंबई से आजमगढ़ आ पहुंची। दोनों बेटियों को बुलाया तो उनके साथ उनकी चचेरी बहन कविता भी आ गई। लाली अपनी बेटियों को ले जाने लगी तो कविता उनके साथ घूमने की बात कहकर हो ली।

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