69,000 शिक्षक भर्ती मामले में बड़ा झटका, जाएगी शिक्षकों को नौकरी
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Source : AI |
उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती मामले में नया आदेश जारी हुआ है। जिसके तहत इस भर्ती प्रक्रिया में चयनित होने के बाद वर्तमान में नौकरी कर रहे कई शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में चयनित ऐसे शिक्षक जिन्होंने 2018 के बाद शैक्षिक योग्यता प्राप्त की थी उनकी सेवा अब समाप्त कर दी जाएगी।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने 9 मई को लेटर जारी कर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है। सचिव ने बीएसए को आदेश देते हुए कहा कि, जिन्होंने 2018 के बाद आवेदन किया था उन शिक्षकों की सेवा तुरंत खत्म कर दी जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस मामले में आदेश देते हुए कहा तय तिथि के बाद अभ्यर्थी का चयन नहीं होगा। 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में कई ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने तय तिथि के बाद आवेदन किया था। हाईकोर्ट ने भी स्पष्ट आदेश दिया है कि तय तिथि के बाद अर्हता धारित करने वाले अभ्यर्थी चयन के लिए पात्र नहीं हैं।
शिक्षकों के चयन के दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। सचिव ने यह साफ-साफ निर्देश दिए हैं कि इस चयन में दोषी अधिकारियों कर्मचारी चयन समिति के सदस्यों के नाम तथा चयन के कार्यरत सभी बीएसए के कार्यकाल का विवरण भी मांगा है।
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती के लिए 1 दिसंबर 2018 को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। जिसके तहत 22 दिसंबर 2018 तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इसके बाद 6 जनवरी को परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें 4.10 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए और 12 मई 2020 को भर्ती का रिजल्ट जारी किया गया। 69000 शिक्षक भर्ती में कई ऐसे अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था, जिनका बीटीसी कोर्स 22 दिसंबर 2018 तक पूरा नहीं हो सका था। भर्ती प्रक्रिया के दौरान इन अभ्यर्थियों ने बीटीसी प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया और उसके आधार पर इनका चयन भी हो गया। इस भर्ती के पहले बैच में 31277 और दूसरे बैच में 36590 शिक्षकों को क्रमश: अक्टूबर और दिसंबर 2020 में नियुक्ति मिली थी। तीसरे चरण में 6696 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। इस लिहाज से तकरीबन पांच साल से ये शिक्षक नौकरी कर रहे हैं।
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