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यूपी में 512 ग्राम पंचायतें समाप्त, देवरिया, आजमगढ़ और चित्रकूट में सबसे ज्यादा पंचायतें घटीं



उत्तर प्रदेश में अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। आरक्षण के निर्धारण से पहले ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का काम पूरा हो चुका है। यूपी में पंचायत चुनाव के नए परिसीमन में 512 ग्राम पंचायतें खत्म कर दी गईं। सबसे ज्यादा ग्राम पंचायतें प्रदेश के तीन जिलों देवरिया, आजमगढ़ और चित्रकूट में कम हुई हैं। 11 नई पंचायतों का गठन हुआ है। जहां वर्ष 2021 के पंचायत चुनाव में 58195 ग्राम प्रधान चुने गए थे, वहीं अगले साल होने वाले चुनाव में 57694 ग्राम प्रधान बनेंगे।

शहरी क्षेत्र के विस्तार के कारण देवरिया में 64 ग्राम पंचायतें, आजमगढ़ में 49 और प्रतापगढ़ में 46 ग्राम पंचायतें समाप्त की गई हैं। इसके अलावा अलीगढ़ में 16, अम्बेडकरनगर में 3, अमरोहा में 21 और अयोध्या में 22 ग्राम पंचायतें खत्म हुई हैं।

बहराइच में चार ग्राम पंचायतें समाप्त हुई हैं, जबकि दो नए राजस्व ग्राम सृजित हुए हैं। बलरामपुर में 7, बाराबंकी में 7, बरेली में 5, बुलंदशहर में 5, चित्रकूट में 3, एटा में 6, इटावा में 2, फर्रुखाबाद में 14, फतेहपुर में 19, गौतमबुद्ध नगर में 6, गाजियाबाद में 19, गोंडा में 22, गोरखपुर में 22 और हरदोई में 14 ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं। हाथरस में 1, जौनपुर में 6, खीरी में 1, कुशीनगर में 23, लखनऊ में 3, मथुरा में 9, मऊ में 26, मुजफ्फरनगर में 11, रायबरेली में 8, संतकबीरनगर में 24, शाहजहांपुर में 1, सीतापुर में 11, सोनभद्र में 8, उन्नाव में 4 ग्राम पंचायतें समाप्त की गई हैं।

बस्ती में कोर्ट के आदेश से दो नई ग्राम पंचायतों का सृजन किया गया है। वर्ष 2021 के चुनाव में इन क्षेत्रों को शहर में शामिल कर लिया गया था। इसके साथ ही आजमगढ़, बाराबंकी, फतेहपुर, गोरखपुर, हरदोई, प्रतापगढ़ और उन्नाव में एक-एक नई ग्राम पंचायत का गठन किया गया है।

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