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महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार के कार्य का स्वागत करना चाहिए : सुरेश राणा



आजमगढ़ : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत मंत्री, गन्ना एवं चीनी उद्योग/प्रभारी मंत्री सुरेश राणा द्वारा कृषि महाविद्यालय कोटवां में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसी के साथ ही इंदिरा गॉधी प्रतिष्ठान लखनऊ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम एवं उनके उद्बोधन का सजीव प्रसारण एलईडी वैन के माध्यम से कराया गया।

 इस अवसर पर श्री अग्रसेन कन्या इण्टर कालेज की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इसी के साथ ही महिलाओं द्वारा प्रभारी मंत्री सहित जन प्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों को पुष्प गुच्छ देकर अभिवादन किया गया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार जिस तरह कार्य कर रही है, उसका हम लोगों को जोरदार स्वागत करना चाहिए। उन्होने कहा कि ओडीओपी के क्षेत्र में एवं स्वयं सहायता समूहों के द्वारा महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से पीछे नही हैं। उन्होने कहा कि आज महिला सशक्तीकरण के कारण जरूरत पड़ने पर घर से रात में भी बाहर निकलकर कार्य कर सकती हैं। आगे उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश में तीन विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें जनपद में भी आजमगढ़ विश्वविद्यालय बनना है। विश्वविद्यालय बन जाने से यहाँ शिक्षा क्षेत्र में काफी प्रगति होगी और यहॉ के छात्र/छात्राओं को उसका लाभ मिलेगा।

प्रभारी मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा आमजनमानस के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की गयी हैं, जिसका लाभ पात्र व्यक्तियों को मिल रहा है।


इसी के साथ ही सामाजिक कार्यकत्री हिना देसाई ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि आज हमारे समाज में लिंगानुपात में काफी कमी आयी है। उन्होने बताया कि 1000 पुरूषों पर 1021 महिलाएं हैं, जबकि 0-6 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों में 1000 बालकों पर 948 बालिकाएं हैं। उन्होंने बताया कि आज घर के अन्दर भी महिलाओं के ऊपर हिंसा हो रही है, इसकी सुरक्षा के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 बनाया गया है एवं महिलाएं घरेलू हिंसा से बचाव के लिए जिला प्रोबेशन कार्यालय में स्थापित वन स्टाप सेन्टर पर भी सम्पर्क कर सकती है। आगे उन्होने बताया कि हमारे देश में 23 प्रतिशत महिलाएं कामकाजी हैं, जबकि चीन में 94 प्रतिशत महिलाएं कामकाजी हैं। हमें महिलाओं को और अधिक सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत है, जिससे महिलाएं निर्भिक होकर कार्य कर सकें। आगे हिना देसाई द्वारा ‘‘हां हम नारी हैं’’ कविता की प्रस्तुती की गयी, जो काफी सराहनीय रहा।

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