चार हत्यारोपियों को आजीवन कारावास एवं 50-50 हजार रुपए जुर्माना
आजमगढ़ : हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने चार आरोपियों को आजीवन सश्रम कारावास तथा प्रत्येक को 50-50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट नंबर-2 सौरभ कुमार सक्सेना ने शनिवार को सुनाया।
अभियोजन कहानी के अनुसार वादी मुकदमा राम नारायन सिंह पुत्र स्वामीनाथ सिंह निवासी ग्राम सेवरा कुंड थाना जीयनपुर 6 नवंबर 2005 की रात आठ बजे रामायण पाठ में शामिल होने के लिए अपने चाचा पारसनाथ तथा मैंना के साथ गांव के हनुमान मंदिर पर जा रहे थे। तभी ग्राम प्रधानी के चुनाव की रंजिश लेकर गांव के ही वीर सिंह पुत्र राम शब्द, डमलू पुत्र सोधई, उमेश पुत्र अनुज तथा हेमंत उर्फ बबलू पुत्र रामचरण घात लगाकर बैठे हुए थे। पारसनाथ को देखते ही डमलू ने ललकारा कि आज इसे छोड़ना नहीं है। तब हेमंत और उमेश ने पारसनाथ को रोक लिया और वीर सिंह ने नजदीक से पारसनाथ को गोली मार दी। जिससे मौके पर ही पारसनाथ की मौत हो गई।
अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता अभय दत्त गोंड ने वादी मुकदमा रामनारायन, मैंना देवी, कैलाश सिंह, कांस्टेबल राम इकबाल, विवेचक कमलेश कुमार सिंह, डॉ आर एस त्रिवेदी उपनिरीक्षक रामेश्वर पांडे तथा हेड कांस्टेबल आर निर्भय नारायण चौबे को बतौर गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी डमलू, उमेश, वीर सिंह तथा हेमंत को आजीवन सश्रम कारावास तथा प्रत्येक को पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
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