तोड़फोड़ और गाली गलौज देने के 14 साल पुराने मुकदमे में तीन आरोपियों को सज़ा
आजमगढ़ : करकट के तोड़फोड़ तथा गाली गलौज देने के 14 साल पुराने मुकदमे में अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर 17 प्रद्युम्न कुमार मिश्रा ने सुनवाई पूरी करने के बाद तीन आरोपियों को दोषी पाया। सभी तीनों आरोपियों को एक वर्ष के प्रोबेशन पर रिहा करने का आदेश देते हुए मुआवजे के तौर प्रत्येक आरोपी को 5-5 हजार रुपए कोर्ट में जमा कराने का आदेश दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि जमा कराई गई राशि में से दस हजार रुपए पीड़ित वादी को दिए जाय।
वादी मुकदमा अशोक कुमार सिंह पुत्र रामनरेश सिंह निवासी कड़सरा थाना मेहनाजपुर एक जून 2008 की शाम पांच बजे ट्यूबवेल के बचाव के लिए करकट डलवा रहे थे। तभी गांव के ही अरुण सिंह पुत्र सीता राम सिंह तथा उनके दो रिश्तेदार सुधीर तथा बबलू पुत्रगण रामकिशुन निवासी तेजपुर अइली थाना केराकत जिला जौनपुर वहां आ गए तथा गाली गलौज देते हुए टिन शेड में तोड़फोड़ किए, जान से मारने की धमकी दी।
अभियोजन पक्ष की तरफ से अशोक सिंह ,विवेचक पंचम राम तथा कॉन्स्टेबल दयाशंकर को बतौर गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया गया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने तीनों आरोपियों अरुण सिंह,सुधीर सिंह तथा बबलू को दोषी पाया। लेकिन आरोपियों के प्रति नरमी बरतते हुए उन्हें एक वर्ष के प्रोबेशन पर रिहा करने तथा प्रत्येक को 5-5 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से लाल जी सिंह एडवोकेट ने पैरवी की।

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