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झाड़ी से बरामद युवती के शव की घटना का खुलासा, प्रेमी ने ही की थी हत्या, आरोपी गिरफ्तार


आजमगढ़ : अतरौलिया थाना क्षेत्र में बुधवार को तीन दिन से लापता युवती का शव झाड़ी से बरामद हुआ। पुलिस ने इस घटना का खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी व मृतका दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे।

अतरौलिया थाना क्षेत्र के भदेवा मझौली गांव निवासी मनीषा (22) पुत्र मूलचंद ब्यूटीशियन का कोर्स करने प्रतिदिन मदियापार बाजार स्थित एक ब्यूटी पार्लर जाती थी। बीते 15 अक्तूबर को भी वह घर से ब्यूटी पार्लर जाने की बात कह कर निकली और फिर घर नहीं लौटी। दो दिन की तलाश के बाद भी युवती के बारे में कोई सुराग नहीं मिला तो पिता मूलचंद ने 18 अक्तूबर को अतरौलिया थाने पर बेटी के गायब होने की तहरीर दी। तहरीर में उसने बताया कि मनीषा की गांव निवासी एक युवक से बातचीत होती थी। बुधवार को भी मनीषा का भाई रवि अपने साथियों के साथ बहन की तलाश में जुटा था। इसी दौरान दोपहर बाद गांव के पास ही स्थित एक झाड़ी में रवि ने अपनी बहन का शव देखा। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुँच मामले की छानबीन में जुट गयी और डाग स्क्वाड को भी मौके पर बुलाया गया।

प्रभारी निरीक्षक अतरौलिया नदीम अहमद फरीदी मय हमराह को आज बृहस्पतिवार को सूचना प्राप्त हुयी कि इन्द्रेश निषाद मदियापार बाजार में देखा गया है। वह कही भागने की फिराक में है। इस सूचना पर तत्काल प्रभारी निरीक्षक अतरौलिया मय हमराह द्वारा मदियापार बाजार में पहुँच कर इन्द्रेश निषाद को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में गिरफ्तार इन्द्रेश ने बताया कि, उसका मनीषा के साथ विगत सात वर्षो से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों एक दूसरे से मोबाइल पर बातचीत करते व छिपकर मिलते थे। इस बात को दोनों के परिवार वाले जानते थे। कई बार मृतका के पिता व परिवार वालो ने मुझे व मेरे घर वालो को उलाहना भी दिया था। परन्तु दोनों ने प्रेम प्रसंग बन्द नही किया। इन्द्रेश ने बताया कि, इधर कुछ दिनों से मनीषा के व्यवहार में कुछ परिवर्तन आ गया था। वह कम बात करने लगी। पता तो ज्ञात हुआ कि वह आजकल किसी और लड़के से बातचीत करने व प्रेम करने लगी थी। इस पर उससे पूछा तो वह मना की परन्तु वह मुझसे बातचीत कम करने लगी।

मृतिका ब्यूटीशियन का कोर्स करने रोजाना सवेरे 10 बजे मदियापार जाती थी और शाम को लगभग 5 बजे वापस आती थी। बीते 15 अक्तूबर को वह सवेरे  लगभग 9.30 बजे गाँव के बाहर नहर के पास मिली। दोनो कभी-कभी गाँव के बाहर गन्ने के खेत के पास मिलकर बातचीत करते थे। वहाँ पर एक लड़का पहले से मौजूद था। गन्ने के खेत में मनीषा व उस अज्ञात लड़के ने मिलकर मुझे काफी मारा एवं किसी पतले तार से मेरा गला कस कर मुझे वहाँ पर छोड़कर चले गये। मारपीट की बात मैने किसी को नही बताया।

 उसी दिन शाम को मैं अपने घर से एक रस्सी व दो सर्जिकल सिरींज लेकर गाँव के बाहर मनीषा का इंतज़ार करने लगा। शाम 5 बजे वह आयी। बातचीत करने के बहाने बहला फुसलाकर नहर के पार बगीचे में ले गया। जेब से सिरिंज निकाल कर उसे डराया तथा रस्सी से उसका हाथ बाधने लगा कि वह डर जाए। इस पर वह जोर से चिल्लाने लगी तो उसका मुँह अपने हाथ से कसकर दबा दिया। उसी दौरान कुछ लोग नहर के पास सड़क पर बातचीत कर रहे थे। मैं डर गया। मनीषा मेरा हाथ हटाते ही जोर से चिल्लाने का प्रयास की तो एक हाथ से उसका मुँह व एक हाथ से उसका गला दबा दिया। वह जोर-जोर से सांस लेने लगी। मैं वहाँ से भाग गया। एक घण्टे बाद मैं वापस मौके पर आया और देखा तो उसका शरीर ठण्डा पड़ गया था। मैने मनीषा के शव को थोड़ा पीछे खींचकर झाड़ी में छिपा दिया।

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