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जान जोखिम में डाल संचालित हो रहे अस्पताल और होटल



आजमगढ़ : जिले में सरकारी अस्पताल हों या निजी, किसी में आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। यही हाल होटलों का भी है। दो- तीन होटलों को छोड़ दें तो सभी में लोगों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। मुख्य अग्निशमन अधिकारी के मुताबिक, जिले में सरकारी, गैर सरकारी 60 अस्पतालों और 36 होटलों को मानक के अनुसार फायर फाइटिंग के उपकरण लगाने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पड़े पैमाने पर निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं। वहीं, मंडलीय जिला अस्पताल, महिला अस्पताल के अलावा 29 सीएचसी और 70 पीएचसी हैं। इन अस्पतालों में प्रतिदिन हजारों लोग अपना इलाज कराने पहुंचते हैं, साथ ही बड़े पैमाने पर अस्पतालों में मरीज भी भर्ती है। आपात कालीन स्थिति पैदा हुई तो मरीजों की जिंदगी दांव पर लगनी तय है, क्योंकि लटक रहे सिलेंडरों के प्रयोग तक को कर्मचारी प्रशिक्षित नहीं हैं।

इसके अलावा देखा जाए तो जिले में चार दर्जन से आधिक छोटे-बड़े होटल हैं। सुविधा देने के नाम पर यह ग्राहकों से लाखों रुपये कमा रहे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं जबकि अग्निशमन विभाग, फायर फाइटिंग के मानकों को पूरा करने के लिए 36 होटलों को नोटिस भी भेज चुका है। कहीं भी मानक के अनुसार आग से बचाव के इंतजाम नहीं हैं।

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