सूचना आयोग का अधिकारी बनकर ग्राम प्रधानों से ठगी करने वाला शातिर गिरफ्तार, खुद के मौत की झूठी खबर भी फैलाई...
आजमगढ़ : जनपद की साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। खुद को सूचना आयोग का अधिकारी बताकर ग्राम प्रधानों से ठगी करने वाले शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी पंकज यादव ने खुद को राजभवन सचिवालय का अधिकारी हर्षवर्धन सिंह राठौर (आईएएस) बताकर राज्य भर के प्रधानों से अब तक लाखों रुपये की ठगी की है। पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन और 3200 रुपये नकद बरामद किए हैं।
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि यह कार्रवाई 13 जुलाई को की गई। अभियुक्त के विरुद्ध साइबर थाना आजमगढ़ में पहले से ही मुकदमा दर्ज था, जिसमें उसकी तलाश की जा रही थी। पूछताछ में आरोपी पंकज यादव ने बताया कि वह एनआईसी की वेबसाइट से ग्राम प्रधानों और पूर्व प्रधानों की जानकारी एकत्र करता था। इसके बाद वह खुद को सूचना आयोग या राजभवन सचिवालय का अधिकारी बताकर प्रधानों को कॉल करता और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच का डर दिखाकर उनसे पैसे वसूलता था। सरकारी टैक्स या निधियों की फर्जी जांच के नाम पर वह प्रधानों को गुमराह करता और अपने बताए खातों में रकम ट्रांसफर करवा लेता था।
साल 2024 में उसने आजमगढ़ जिले के गोछा गांव के प्रधानपति मो. आरिफ को इसी तरीके से ठगी का शिकार बनाया। खुद को राजभवन का सचिव बताकर उसने आरिफ से कुल 8,26,995 रुपये ठग लिए। ठगी का यह सिलसिला कई जिलों में फैला हुआ था।
आरोपी पंकज यादव गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा। इतना ही नहीं उनसे खुद के मरने की झूठी खबर तक फैला दी। उसने फर्जी मौत की तस्वीरें बनाकर परिजनों और जान-पहचान वालों के साथ-साथ पुलिस तक पहुंचाई। हालांकि पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और सटीक लोकेशन के आधार पर उसे चित्रकूट जिले से दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपी पंकज यादव बाराबंकी जनपद के असन्द्रा थाना क्षेत्र के नाथूपुर सूरजपुर 35 रामसनेही घाट का निवासी है।
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