हत्याकांड की कार्यवाही में पुलिस की शिथिलता से नाराज ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग जाम कर किया प्रदर्शन
आजमगढ़ : अतरौलिया ब्लाक के सामने सोमवार को दिन में हत्याकांड के पर्दाफ़ाश की मांग को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने चक्का जाम कर दिया। डीएम के आश्वासन पर दो घंटे बाद जाम समाप्त हुआ।
अतरौलिया थाना क्षेत्र के परछनपुर कुलहिया गांव निवासी 38 वर्षीय वीरेंद्र यादव पुत्र स्व. रामजीत यादव शुक्रवार को घर से बाइक पर सवार होकर दावत खाने के लिए शाहगंज गया था। तभी से वह लापता था। दूसरे दिन शनिवार की सुबह गोली मारकर फेंका गया उसका शव पवई थाना क्षेत्र के खेमीपुर नहर पुलिया के समीप से पुलिस ने बरामद किया था। परिजनों का आरोप है कि मृत वीरेंद्र की हत्या लेन-देन को लेकर हुई। हत्या के बाद वीरेंद्र की बाइक व ट्रक के साथ उसके पास से रुपये भी हत्यारों ने लूट लिया। इस मामले से पवई थानाध्यक्ष को अवगत कराया गया, इसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस की शिथिलता को लेकर परिजनों के साथ ही ग्रामीणों ने सोमवार को वीरेंद्र हत्याकांड के पर्दाफाश की मांग को लेकर अतरौलिया ब्लाक के सामने पहुंच कर 233 एनएच पर चक्का जाम कर दिया।
चक्का जाम की खबर मिलते ही एसपी ग्रामीण एनपी सिंह, एसडीएम बूढ़नपुर इंद्रभान तिवारी, तहसीलदार बूढ़नपुर आरके चौधरी, सीओ बूढ़नपुर रामजन्म सिंह, सीओ फूलपुर रविशंकर प्रसाद व अतरौलिया प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार सिंह, कप्तानगंज थाना प्रभारी विमलेश कुमार मौर्य, महराजगंज थाना प्रभारी दिनेश कुमार पाठक, अहरौला थानाध्यक्ष अयोध्याम प्रसाद तिवारी भी मौके पर दल बल के साथ पहुंच गए। पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने आक्रोशित ग्रामीणों को समझा बुझाकर जाम खुलवाने का प्रयास किया पर ग्रामीण अपनी मांगों पर डटे हुए थे। उनका कहना था कि मृत वीरेंद्र के अनाथ हुए बच्चों के साथ ही परिजन का भरण पोषण के लिए सहायता राशि दी जाए, तभी जाम समाप्त होगा। जाम के दौरान लखनऊ जा रहे डीएम शिवाकांत द्विवेदी भी अतरौलिया जाम स्थल पर पहुंच गए। डीएम ने मौके पर पहुंच कर घटना का जल्द पर्दाफाश व परिजनों को मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया। डीएम के आश्वासन पर दो घंटे बाद जाम समाप्त हो गया। जाम के चलते आजमगढ़-फैजाबाद मुख्य मार्ग पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई थी।

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