अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन, प्रधानमंत्री को संबोधित मांग पत्र एडीएम को सौंपा
आजमगढ़ : बार कौंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर सेंट्रल बार एसोसिएशन, दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन एवं दीवानी बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने सोमवार को मार्च निकालकर प्रधानमंत्री को संबोधित सात्र सूत्रीय मांग पत्र अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेंद्र कुमार को सौंपा।
सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आद्या प्रसाद सिंह, दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जफर इकबाल एवं मंत्री जयप्रकाश यादव और दीवानी अभिभाषक संघ के अध्यक्ष ठाकुर प्रसाद त्रिपाठी व मंत्री वीरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार से मांग किया कि कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में अविलंब विचार करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाए।अधिवक्ताओं का कहना था कि भारतीय विधिज्ञ परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव के क्रम में 12 फरवरी को देशव्यापी प्रदर्शन के लिए एसोसिएशन के सदस्य लखनऊ स्थित अधिवक्ता भवन में एकत्र होकर राजभवन तक मार्च करेंगे और राज्यपाल को पीएम के नाम संबोधित ज्ञापन देंगे।
ज्ञापन में मांग किया कि देश के सभी अधिवक्ताओं के लिए न्यायालय परिसर में अधिवक्ता संघ भवन, बैठने की समुचित व्यवस्था, मुफ्त इंटरनेट की व्यवस्था, वादकारियों के बैठने की समुचित व्यवस्था हो। उचित मूल्य पर खाने-पीने की चीजों वाली कैंटीन हो। नए जरूरतमंद अधिवक्ता को 10 हजार रुपये प्रतिमाह (पांच वर्ष तक) की व्यवस्था की जाए। देश के सभी अधिवक्ता एवं उनके परिवार के लिए जीवन बीमा, असामयिक मृत्यु पर कम से कम 50 लाख रुपये की व्यवस्था, अधिवक्ताओं एवं परिजनों की किसी भी बीमारी की स्थिति में बेहतर व मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था और सभी अक्षम एवं वृद्ध अधिवक्ताओं के लिए पेंशन और पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था की जाए। साथ ही लोक अदालतों का कार्य अधिवक्ताओं द्वारा संपादित किया जाए और न्यायिक पदाधिकारियों एवं न्यायाधीशों को इससे दूर रखा जाए। सभी जरूरतमंद अधिवक्ताओं का उचित मूल्य गृह निर्माण के लिए भू-खंड की व्यवस्था की जाए और सभी ट्रिब्यूनल, कमीशन आदि में अधिवक्ताओं की बहाली हो। साथ ही यह भी मांग किया कि अवकाश प्राप्त न्यायिक पदाधिकारियों या न्यायाधीशों की नियुक्ति न की जाए।

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