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लेखपाल गोलीकाण्ड का पर्दाफ़ाश : प्रेम-प्रपंच को लेकर मारी गोली, एक गिरफ्तार

     
आजमगढ़ : गम्भीरपुर थाना क्षेत्र में बीते 01 सितम्बर की शाम 06.30 बजे लेखपाल अतुल यादव को रोहुआ मुस्तफाबाद के पास बाइक सवार तीन बदमाश ने गोली मार दी और मौके से फरार हो गये थे। जिसके सम्बन्ध में लेखपाल के पिता राममूरत यादव निवासी बहादुरपुर थाना गम्भीरपुर की शिकायत के आधार पर स्थानीय थाने पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी।


     आज मंगलवार को गम्भीरपुर थाने की पुलिस मुहम्मदपुर में मौजूद थी। तभी मुखबिर से सूचना मिली कि लेखपाल गोलीकाण्ड में शामिल एक आरोपी कहीं भागने की फिराक में आजमगढ़-वाराणसी राजमार्ग फरिहा मोड़ के पास अपाचे मोटरसाईकिल के साथ खड़ा है। इस सूचना पर पुलिस टीम ने फरिहा मोड़ के पास स्थित सैनिक ढाबा के पास पहुंचकर एक व्यक्ति को अपाचे मोटरसाईकिल (बिना नम्बर) के साथ पकड़ लिया। पकड़े गये व्यक्ति ने अपना नाम वीर प्रताप चौहान पुत्र यशवन्त निवासी शाहगढ़ थाना सिधारी बताया। पुलिस ने आरोपी के पास से एक अवैध पिस्टल.32 बोर व दो जिन्दा कारतूस .32 बोर बरामद किया है।


      गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि पिछले चार-पांच वर्षो से मैं एक लड़की से प्रेम करता हूँ और लेखपाल अतुल यादव भी उस लड़की से बातचीत करने लगा था। उस लड़की से मैने अतुल यादव से बातचीत करने को मना किया लेकिन फिर भी अतुल व उस लड़की में बातचीत होना बंद नहीं हुआ। इसी बात को लेकर मै लेखपाल को रास्ते से हटाने की योजना बना रहा था कि 01 सितम्बर को मैं आजमगढ़ में एक दुकान पर बैठा था तो तभी मेरा दोस्त सूरज गौड़ पुत्र दिनेश गौड़ निवासी खूरसू खास थाना देवगाँव मुझसे मिला।  बातचीत के दौरान मेरी उस लड़की के प्रति मायूसी देखने के बाद दोस्ती निभाने के लिए सूरज गौड़ ने किसी के पास फोन किया। मैं और सूरज गौड़ इसी अपाचे मोटरसाईकिल से आजमगढ़ से चलकर लेखपाल अतुल यादव का पता लगाते हुए बिन्द्रा बाजार पहुंचे, जहाँ पर सूरज गौड़ का एक और मित्र मिला जो कि सूरज गौड़ के फोन करने पर आया था। जिसका नाम मैं नही जानता हूँ। हम तीनों लोग इसी अपाचे मोटरसाइकिल से योजना बनाते हुए लेखपाल की हत्या करने के उद्देश्य से उसका पीछा करते हुए उसकी मोटर साइकिल के पीछे-पीछे चलने लगे। जैसे ही एकान्त स्थान मिला तो मैने अपने दोस्त सूरज गौड़ से कहा कि यही लेखपाल अतुल यादव है, गोली मार दे, इतना कहते ही चलते –चलते सूरज गौड़ ने लेखपाल को जान मारने की नियत से पिस्टल से गोली मार दी और पीछे बैठे तीसरे लड़के ने उसकी मोटरसाईकिल को लात मार दी। उसके बाद लेखपाल रोड के किनारे मोटरसाईकिल सहित गिर गया था। जो पिस्टल मेरे पास से बरामद हुई है उससे मैने अतुल यादव को मारने के लिए गोली नहीं चलायी थी, क्योंकि उस दिन मैं मोटर साइकिल चला रहा था। जिस पिस्टल से सूरज गौड़ ने अतुल यादव को गोली मारी है, उसके बारे में सूरज को ही मालूम होगा।

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