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सेल्समैन अंगद यादव के हत्याकाण्ड का पर्दाफ़ाश, आरोपी गिरफ्तार


आजमगढ़ : मुबारकपुर थाना क्षेत्र में 8 मार्च की देर रात को बदमाशों ने घर जा रहे सेल्समैन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके सम्बन्ध में इन्द्रजीत यादव पुत्र राजदेव यादव निवासी बम्हौर थाना मुबारकपुर ने स्थानीय थाने पर एफआईआर दर्ज कराया था।

आज मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह के निर्देश पर मुबारकपुर थाने की पुलिस मुखबिर की सूचना के आधार पर अंगद यादव की हत्याकांड के आरोपी पिन्टू यादव पुत्र रामकिशुन यादव निवासी कारीसाथ थाना जहानागंज को जहानागंज-सठियांव मार्ग पर स्थित सिक्स लेन पुल के पास से समय 06.30 बजे गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार व्यक्ति के पास से एक तमन्चा, दो जिन्दा कारतूस व हत्या में प्रयुक्त एक मोटर साइकिल बरामद किया है। 

पूछताछ में हत्यारा पिन्टू यादव ने बताया कि 8 मार्च की रात को अपने साथी बृजेश यादव उर्फ ललई यादव पुत्र इन्द्रासन यादव निवासी बलईसागर थाना जहानागंज के साथ मिलकर अंगद यादव को गोली मारकर गेहूँ के खेत में गला दबाकर हत्या कर दिया था। करीब 5 से 6 महीना पहले मेरे ही गांव के मेरे साथी शिवानन्द उर्फ सोनू चौबे पुत्र जयनाथ चौबे निवासी कारीसाथ थाना जहानागंज के मोबाइल फोन से मैने रतन यादव जो मेरे ही गाँव का है जो सिधारी स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान में अंगद यादव के साथ सेल्समैनी करता है के मोबाइल पर मुर्गे की दावत के लिए फोन किया तो अगंद यादव ने फोन उठाया। मैने पूछा कि रतन कहाँ है, तो फोन उठाने वाले न कहा कि लैट्रीन करने गया है। बातचीत के दौरान ही मुझसे व अगंद यादव से गाली गलौज हो गया इसके बाद फोन कट गया। इसके बाद रतन आया मुझसे बात किया और कहा कि तुम्हे मेरे सहयोगी अंगद से ऐसे बात नही करनी चाहिए थी। लगभग 10 मिनट बाद फिर अंगद यादव का फोन रतन के मोबाइल से आया और मुझे गाली देते हुए कहा कि तुम कितने बड़े गुण्डे हो सामने आओगे तो देखूंगा। इसके बाद रतन यादव से मुलाकात हुई तो सफाई दिया और बात खत्म हो गयी। इसी बीच मैं प्रधानी का चुनाव लड़ने की तैयारी करने लगा तथा रतन भी प्रधानी के चुनाव की तैयारी करने लगा। दोनों लोग प्रचार करने लगे, इसी बीच गांव में दुष्प्रचार होने लगा कि शराब के सेल्समैन ने गाली दिया और पिन्टू यादव कुछ नही कर पाया। इस बात पर मुझे आत्मग्लानि हुई तो मैने यह बात अपने मित्र बृजेश यादव उर्फ ललई तथा शिवनन्द चौबे उर्फ सोनू को बताया। तीनों लोगों ने मिलकर अगंद यादव की हत्या करने की योजना बनाई। बृजेश के पास पिस्टल था। 


 8 मार्च को मैं अपनी मोटरसाइकिल से ललई यादव को साथ लेकर जहानांगज से छतवारा होते हुए सिधारी स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान पर आया, जहाँ पर मै दुकान से आगे बढ़कर अपनी गाड़ी खड़ी किया। ललई यादव ने दुकान के बाहर खड़ी अंगद की मोटरसाइकिल का नम्बर नोट कर लिया और अंगद यादव की पहचान कर लिया। हम दोनों 8.00 बजे के करीब शाहगढ़ तिराहे पर आकर अगंद यादव का इन्तजार करने लगे कि रात करीब 10.20 बजे अगंद अपनी मोटरसाइकिल से शाहगढ़ से बम्हौर के लिये मुड़ा तो हम लोगों ने मोटरसाइकिल नम्बर व उसके नम्बर प्लेट पर बने एस के निशान को पहचानकर कर अपनी मोटरसाइकिल से उसका पीछा किया। जैसे ही अगंद यादव सिक्स लेन के पहले ही पहुँचा था कि उसको ओवर टेक कर मैने गाड़ी रोक दिया। गाली देते हुए कहा कि मै ही पिन्टू यादव हूँ। इतने पर ललई यादव ने अपनी पिस्टल से अंगद यादव को गोली मार दिया। गोली लगने से अंगद यादव मोटरसाइकिल लेकर गिर गया और फिर खड़ा होकर गेहूँ के खेत की तरफ से भागने लगा। कुछ दूर जाकर गेहूँ के खेत में अंगद यादव लड़खड़ाकर गिर गया। जब हम लोग उसके पास पहुँचें तो वह जिन्दा था। उसे जिन्दा देख मैने अपना गमछा निकाला और उसके गले को गमछे से कसकर हत्या कर दिया। अंगद यादव के मर जाने की पुष्टी करके हम दोनों वहाँ से अपनी मोटरसाइकिल लेकर अपने-अपने घर आकर सो गये।

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