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खुद को खतरों में डाल कर परिवार से दूर रहकर पूरे कोरोना काल में मरीजों की करती रही सेवा

डॉ सोनल श्रीवास्तव जूनियर रेसिडेंट, राजकीय मेडिकल कॉलेज-आज़मगढ़

 कोरोना की दूसरी लहर में जहाँ हर कोई घर से निकलने का साहस नही जुटा पा रहा था, सभी ने किसी न किसी अपने को जरूर इस महामारी में खोया है। वहीं कोरोना योद्धा कम संसाधनों के बीच भी घर, परिवार से दूर होकर अपना कर्तव्य निभाते हुए मानव सेवा में जुटे रहें। ऐसा ही राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं सुपर फैसिलिटी हॉस्पिटल आज़मगढ़ की जूनियर रेसिडेंट चिकित्सक सोनल श्रीवास्तव ने लड़कियों व आम जनमानस के लिए मिसाल पेश किया है। परिवार से दूर होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर लोगों की जान भी बचाया है।

डॉ सोनल श्रीवास्तव आज़मगढ़ की ही मूल निवासी है। इनके पिता दीपक कुमार श्रीवास्तव भी मेडिकल व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। डॉ सोनल वर्तमान में गाइनी वार्ड में जूनियर रेसिडेंट के पद पर कार्यरत हैं। जब 2020 में कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई तब भी इनकी ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगाई गई थी। जिले में ही रहने के बावजूद वह घर से दूर रहकर लोगों की अनवरत सेवा करती रहीं।

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