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UP Election 2022: तय समय पर होंगे यूपी विधानसभा चुनाव, मतदान का समय 1 घंटा बढ़ाया गया

Photo : ANI


लखनऊ : यूपी और चार अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव तय योजना के अनुसार ही संपन्न होंगे। चुनाव आयोग ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में कई जानकारी साझा की। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को मीडिया में यह प्रसारित करना होगा कि उनके खिलाफ कौन-सी धाराएं लगी हैं, कौन-से मामले चल रहे हैं। वोटरों के पास वोट डालने के लिए एक घंटे का एक्स्ट्रा समय होगा ताकि कोविड ​​​​-19 के खतरे को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके।

 सुशील चंद्रा ने कहा कि राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद सभी एसपी, डीआईजी, कमिश्ननर से मिलकर हालात का जायजा लिया गया। इसके बाद सभी नोडल अधिकारियों से चर्चा की गई। सबसे अंत में मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य अधिकारियों से बातचीत की। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दल चुनाव कराने के पक्ष में हैं। सभी दलों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निश्चित समय पर चुनाव कराने की मांग की। कुछ दलों ने कोविड प्रोटोकॉल के बिना पालन किए होने वाली रैलियों पर चिंता जताई।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को भी यह प्रसार करना होगा कि उन्होंने ऐसी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को क्यों चुना है? चुनाव आयोग ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया जाएगा। मतदान का समय पहले सुबह 8-5 बजे तक था जिसे बढ़ाकर 8-6 बजे तक कर दिया गया है।

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     सुशील चंद्रा ने कहा कि मतदाता पंजीकरण का कार्यक्रम भी चल रहा है। 5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के मुताबिक, कम से कम एक लाख बूथ पर वेबकास्टिंग की जाएगी ताकि यह लोग देख सकें कि पूरी पारदर्शिता के साथ वोटिंग होगी। कम से कम 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे बनाए जाएंगे जहां सिर्फ महिला पोलिंग अधिकारी होंगे। मतदाता एपिक कार्ड के अलावा 11 अन्य दस्तावेज दिखाकर वोटर वोट डाल सकता है। इसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड जैसे दस्तावेज शामिल हैं।

अब तक 15 करोड़ से ज्यादा मतदाता पंजीकृत हैं। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक भी मतदाता सूची में अपने नाम को लेकर दावे-आपत्ति बता सकते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाता, कोरोना संक्रमित मतदाता और दिव्यांग मतदाताओं को घर पर ही वोट डालने की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में मतदान का 61 प्रतिशत था, जो लोकसभा चुनाव 2019 के समय में घटकर 59 प्रतिशत  हो गया था। यह चिंता का विषय है कि जिस राज्य में लोगों में राजनीतिक जागरूकता अधिक है, वहां मतदान प्रतिशत कम क्यों है?’

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