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छात्रा श्रेया तिवारी आत्महत्या मामले में गिरफ्तार प्रधानाचार्य व क्लास टीचर रिहा, जांच पर उठ रहे सवाल


आजमगढ़ : जिले के चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में 31 जुलाई को तीसरी मंजिल से कूदकर 11वीं की छात्रा के आत्महत्या करने के मामले में गिरफ्तार प्रधानाचार्य व क्लास टीचर बुधवार रात जेल से रिहा कर दिए गए। दोनों को सीजेएम ने 20-20 हजार के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था।

इस मामले की शुरुआती जाँच जिला पुलिस ने की थी। सीओ सिटी गौरव कुमार के साथ ही एएसपी ट्रैफिक जांच के लिए पहुंचे थे। पुलिस ने छात्रा के माता-पिता की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। बाद में सीओ सिटी और एएसपी यातायात की विवेचना पर हत्या की धारा को हटाकर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद सीओ नगर मऊ की जाँच में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी नहीं मिला। इसको लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं।


मऊ सीओ सिटी को सौंपी गई जांच

8 अगस्त को आईजी अखिलेश कुमार ने प्रकरण की जांच जनपद पुलिस से लेकर सीओ नगर मऊ धनंजय मिश्रा को दे दी। सीओ सिटी मऊ ने जांच में 12 से अधिक लोगों से पूछताछ करने के साथ ही बयान दर्ज किए। इसमें छात्रा के माता-पिता के अलावा विद्यालय के कर्मचारी संजीव कुमार, अनुकृति शुक्ला, नीलम कुमारी, विदिशा, धर्मेंद्र कुमार दुबे, अरविंद कुमार सिंह, राजकुमारी, सुनीता, कौशिल्या, भोगा उर्फ भुनगी, प्रशांत पांडेय के साथ ही दो युवक व उनके परिजन भी शामिल रहे। सीओ धनंजय ने 24 घंटे की छानबीन व जाँच के बाद सीजेएम कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी। इसमें उन्होंने प्रधानाचार्य और शिक्षक अभिषेक राय को आत्महत्या के लिए उकसाने का भी दोषी नहीं पाया। इसके आधार पर सीजेएम ने बुधवार देर शाम दोनों को 20-20 हजार के मुचलके पर रिहा करने का आदेश पारित कर दिया। रात लगभग साढ़े नौ बजे कोर्ट से रिहाई आदेश जेल पहुंचा। इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

जांच पर उठाए सवाल

पुलिस की जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए छात्रा की मां ने कहा कि उनकी बेटी को बदनाम किया जा रहा है। न्याय के लिए अब वह सीएम से गुहार लगाएंगी। मां ने कहा कि पुलिस किसी की नहीं होती है, आज उन लोगों ने यह साबित कर दिया। अब योगी जी के पास जाऊंगी और न्याय की गुहार लगाऊंगी।

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