जिलाधिकारी ने 126 गांवों के प्रधानों की शुरू कराई जांच
आजमगढ़ : ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यों में घोटालों और अनियमितता की शिकायत पर जिलाधिकारी ने जनपद के 126 गांवों के प्रधानों की जांच बैठा दी है। प्रधानों को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है।
जिले में विभिन्न ग्राम पंचायतों मेंं ग्राम प्रधानों पर विकास कार्यों में भ्रष्टाचार करने और पंचायत निधि को नुकसान पहुंचाने समेत तमाम तरह के वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वितीय ने 126 गांवों के प्रधानों की जांच शुरू करा दी है। जिलाधिकारी ने इसके लिए जांच कमेटी बनाई है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
बहलोलपुर गांव में 1,66,992 रुपये का गबन
तरवां विकास खंड की ग्राम पंचायत बहलोलपुर में मनरेगा के तहत गाजीपुर जिले में तालाब खोदाई के नाम पर 1,66,992 रुपये के गबन का मामला सामने आया है। इस मामले में ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, तकनीकी सहायक सहित अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ मेहनाजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
प्रधान सहित तीन पर एफआईआर
खंड विकास अधिकारी हरैया रवि कुमार ने ग्राम प्रधान सहित तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए बृहस्पतिवार को रौनापार थाने में तहरीर दी। इन पर मनरेगा में गड़बड़ी का आरोप है। तीन मई को डीसी मनरेगा राम उदरेज यादव गांव में जांच करने पहुंचे थे। अपनी जांच के बाद बीडीओ हरैया को पत्र भेजा। इसके बाद बीडीओ ने ब्लॉक के देवारा खास राजा के ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक पर मनरेगा में गड़बड़ी को लेकर मुकदमा दर्ज किया है।
ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए अधिकारी नियुक्त
जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार ने ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायतों की त्वरित जांच और निस्तारण के लिए विभिन्न विकास खंडों की ग्राम पंचायतों के लिए अधिकारियों को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। जिला मजिस्ट्रेट ने अजमतगढ़, जहानागंज, मिर्जापुर, लालगंज, मार्टीनगंज, पवई, ठेकमा, मुहम्मदपुर, अहिरौला, तहबरपुर, पल्हना, हरैया, सठियांव, तरवां, बिलरियागंज, फूलपुर, पल्हनी, रानी की सराय, मेंहनगर, कोयलसा और अतरौलिया विकास खंडों की ग्राम पंचायतों की जांच के लिए अधिकारी नामित किया है। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जांच से 72 घंटे पहले आरोपियों को नोटिस जारी कर तय समय और स्थान पर अभिलेखों के साथ उपस्थित होने को कहा जाए। जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में जिला पंचायत राज अधिकारी को सौंपनी होगी।
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