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124 प्रधानों के खिलाफ शिकायतों की जांच में बड़ी लापरवाही, डीएम ने अपनाया कड़ा रुख...



आजमगढ़ : जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जिले में ग्राम प्रधानों के विरुद्ध लंबित शिकायतों की जांच में लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया है। बता दें कि 124 ग्राम प्रधानों के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच के लिए विकास खंडवार जांच समितियां गठित की गई थीं। 20 मई 2025 को जांच अधिकारियों के साथ एक बैठक कर उन्हें स्पष्ट दिशा-निर्देश भी दिए गए थे।

जिलाधिकारी ने बताया कि स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बाद भी प्रायः ऐसा देखा जा रहा है कि नामित जांच अधिकारियों द्वारा शिकायत के समस्त बिन्दु पर जांच न करके सरसरी तौर पर जांच कर आख्या दिया जाता है और उसी आधार पर शिकायत को बंद करने के लिए पत्रावली अधोहस्ताक्षरी के समक्ष प्रस्तुत की जाती है, जो कदापि उचित नहीं है। डीएम ने कहा कि पूर्व में भी स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि किसी भी शिकायत को बंद करने से पहले जांच अधिकारी स्थलीय सत्यापन करें और यह स्पष्ट करें कि सभी बिंदुओं की पूरी तरह से जांच की गई है। लेकिन मुख्य विकास अधिकारी और जिला पंचायत अधिकारी के स्तर से प्रभावी पर्यवेक्षण नहीं होने के कारण कई मामलों में सतही जांच नही की जा रही है।

डीएम ने कहा कि जांच अधिकारियों की रिपोर्टों का नियमित अनुश्रवण किया जाए। केवल ग्राम सचिवों के मौखिक बयान के आधार पर रिपोर्ट स्वीकार नहीं की जाएगी। जांच रिपोर्ट में यह उल्लेख होना चाहिए कि लाभार्थी कार्यों की पुष्टि वीडियोग्राफी और लिखित/मौखिक स्टेटमेंट से की गई है या नहीं। डीएम ने कहा कि ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक कार्यों के संदर्भ में ग्रामवासियों, स्कूलों में एमडीएम की शिकायतों पर छात्रों और अभिभावकों की वीडियो स्टेटमेंट जांच रिपोर्ट में होना अनिवार्य है। हैंडपंप मरम्मत और रिबोर से संबंधित शिकायतों में स्थानीय लोगों के लिखित बयान के साथ-साथ वीडियोग्राफी में बयान भी जरूरी बताया गया है। साथ ही, हैंडपंप के रिबोर की हिस्ट्री, वर्तमान भूजल स्तर और कितने मीटर तक रिबोर किया गया, यह जानना भी आवश्यक बताया गया है।

जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि भविष्य में यदि उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन न कर सरसरी तौर पर प्रस्तुत जांच आख्या के आधार पर शिकायत को बंद करने की अनुशंसा की गई, तो यह माना जाएगा कि संबंधित अधिकारी ग्राम प्रधानों के विरुद्ध की गई शिकायतों की प्रभावी जांच में रुचि नहीं ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ग्राम पंचायत बरसेरवा (विकास खंड-लालगंज) एवं ग्राम पंचायत देवकली तारन (विकास खंड-सठियांव) के प्रधानों के विरुद्ध प्रस्तुत की गई जांच रिपोर्ट सरसरी रूप से तैयार की गई है। ऐसे में इन दोनों पत्रावलियों को यह निर्देश देते हुए वापस किया गया है कि एक पक्ष के भीतर सभी बिंदुओं पर प्रभावी जांच कराकर पुनः प्रस्तुत किया जाए।

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