111 ग्राम पंचायतों के प्रधान करेंगे तमसा नदी का जीर्णोद्धार, डीएम ने की अपील...
आजमगढ़ : तमसा नदी के जीर्णोद्धार को लेकर हरिऔध कला केंद्र में मंगलवार को जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यशाला में स्वयंसेवी संस्थाएं और तमसा नदी के तट पर बसे 111 ग्राम पंचायतों के प्रधान, सचिव, तकनीकी सहायक एवं रोजगार सेवकों ने हिस्सा लिया।
तमसा के तट पर स्थित हैं कई पौराणिक एवं धार्मिक स्थल
जिलाधिकारी ने कहा कि तमसा नदी जनपद की जीवनरेखा है। इसकी लंबाई लगभग 89 किलोमीटर है और यह सात विकास खंडों अहरौला, मिर्जापुर, तहबरपुर, रानी की सराय, पल्हनी, बिलरियागंज और सठियांव से होकर गुजरती है। इसके तट पर कई पौराणिक एवं धार्मिक स्थल स्थित हैं, जिनमें चंद्रमा ऋषि, दुर्वासा ऋषि, दत्तात्रेय और द्रोणाचार्य आश्रम प्रमुख हैं। वर्तमान समय में तमसा नदी प्रदूषित हो चुकी है। मनरेगा योजना के तहत नदी की सफाई, गाद निष्कासन, तटों पर पौधरोपण और जनजागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से व्यापक अभियान शुरू किया गया है।
प्रदूषण की चुनौती और समाधान की योजना
डीएम ने कहा अगर सभी 111 ग्राम प्रधान दायित्व लें, तो अधिकतम दो महीने में तमसा नदी को जनपद क्षेत्र में पूरी तरह से साफ किया जा सकता है। नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए शहर से नदी में गिरने वाले नालों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। असलई और देवकली तारन पर स्टेनलेस स्टील की मजबूत जाली लगाई जाएगी ताकि बाहरी गंदगी को रोका जा सके। नदी किनारे अर्जुन, पाकड़, पीपल, बरगद, नीम, जामुन जैसे जल में जीवित रहने वाले पौधे लगाए जाएं। धार्मिक स्थलों के पास डस्टबिन लगाने की व्यवस्था की जाए ताकि पूजा सामग्री नदी में न फेंकी जाए।
जनभागीदारी से तमसा होगी स्वच्छ और अविरल
डीएम ने ग्राम प्रधानों व आमजन से अपील की है कि नदी आपकी है। ग्राम के हित में इसे शुद्ध और साफ रखना हमारा दायित्व है। इससे धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी हैं। यदि जनभागीदारी हो, तो जल्द ही तमसा नदी को स्वच्छ, निर्मल और अविरल बनाया जा सकता है। कार्यशाला में वाटर मिशन फॉर क्लीन गंगा के स्टेट हेड मिथिलेश कुमार मिश्रा, डीसी मनरेगा राम उदरेज यादव, डीएफओ, जिला विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव पाठक आदि उपस्थित थे।
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