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सैकड़ों स्कूलों के मर्जिंग पर घमासान: सांसद धर्मेन्द्र यादव ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट



आजमगढ़ : जनपद में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बंद, मर्ज अथवा पेयर किए जाने के आदेशों पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेन्द्र यादव ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस फैसले से प्रभावित विद्यार्थियों, शिक्षकों और समुदायों की विस्तृत जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने को कहा है।

सांसद ने अपने पत्र में लिखा है कि जनपद आजमगढ़ में कुल 2706 विद्यालयों में से 329 विद्यालय चिह्नित किए गए हैं। इनमें से अब तक 231 विद्यालयों को बंद करने व शेष को मर्ज अथवा पेयर करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। सांसद ने कहा है कि यह निर्णय हजारों बच्चों और उनके परिवारों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा, इसलिए इससे संबंधित समस्त जानकारी पारदर्शिता के साथ जनहित में साझा की जानी चाहिए।

निम्नलिखित बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी मांगी है:

  1. प्रभावित विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों का आय वर्ग और वर्गीकृत सामाजिक स्थिति (जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग आदि)।
  2. कुल प्रभावित बच्चों की संख्या, ग्रामवार व ब्लॉकवार सूची।
  3. विद्यालय बंद होने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था की रूपरेखा।
  4. क्या बच्चों व उनके अभिभावकों से इस पर सहमति ली गई? यदि हां, तो दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएं।
  5. मर्ज किए गए विद्यालयों में तैनात स्टाफ का विवरण।
  6. ‘चतुर्थ श्रेणी’ के कर्मचारियों को किन विद्यालयों में समायोजित किया गया है?
  7. स्थानांतरित किए गए चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की सूची।

सांसद ने आग्रह किया है कि यह सभी सूचनाएं शीघ्र और पारदर्शी तरीके से साझा की जाएं, ताकि जनहित में कोई विसंगति न हो।

आजमगढ़ जैसे शिक्षा के लिहाज़ से संवेदनशील क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर विद्यालयों का समायोजन एक बड़ा प्रशासनिक कदम है। हालांकि, इस फैसले की घोषणा के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में असंतोष की खबरें आ रही हैं। बच्चों को लंबी दूरी तय कर अन्य स्कूलों में जाना पड़ सकता है, जिससे बालिका शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

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