फर्जी मार्कशीट से बनीं शिक्षिकाएं : डीआईओएस ने दिए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश, होगी रिकवरी
आजमगढ़ : माध्यमिक शिक्षा में मेरिट के आधार पर हुई सहायक शिक्षकों की नियुक्तियों में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। मंडल स्तरीय जांच में यह सामने आया है कि फर्जी मार्कशीटों के आधार पर कई शिक्षकों ने नौकरी हासिल की थी। इसी कड़ी में आजमगढ़ जिले की तीन महिला शिक्षिकाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश डीआईओएस ने जारी किया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) उपेंद्र कुमार ने बृहस्पतिवार को पत्र जारी कर संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज कराने को कहा। साथ ही तीनों से वेतन रिकवरी भी की जाएगी।
इन शिक्षिकाओं पर होगी कार्रवाई:
* प्रीति सिंह – सहायक अध्यापिका (अंग्रेजी), राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, देवगांव आजमगढ़
* गीता – सहायक अध्यापिका (हिंदी), राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, इटैली आजमगढ़
* रूमन विश्वकर्मा – शिक्षिका (सामान्य विषय), राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, बगवार आजमगढ़
जांच में पाया गया कि इन तीनों शिक्षिकाओं ने अपनी नियुक्ति के लिए मोनार्ड यूनिवर्सिटी (हापुड़) और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (वाराणसी) की फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल किया था। मंडल स्तरीय जांच में कुल 22 शिक्षकों की मार्कशीट फर्जी पाई गई है, जिनमें आजमगढ़ की तीन, मऊ की तीन और बलिया की दो शिक्षिकाएं वर्तमान में कार्यरत हैं, जबकि अन्य ने स्थानांतरण करा लिया है।
शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। पहले ही शिक्षकों की गुणवत्ता और भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठते रहे हैं, और अब इस फर्जीवाड़े ने विभाग की पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
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