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आज़मगढ़ में बीजेपी और सपा आमने-सामने : ब्लॉक प्रमुख पर मारपीट का आरोप, सपा पर दुष्कर्म के आरोपी को बचाने का आरोप, जानें क्या है पूरा मामला?

Palhna Block Pramukh case BJP vs SP controversy


आजमगढ़ : पल्हना ब्लॉक के एक गंभीर आपराधिक प्रकरण को लेकर जिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) आमने-सामने आ गये है। दो दिन पूर्व सपा के जिलाध्यक्ष ने पल्हना ब्लॉक प्रमुख पर दो युवाओं को घर में बंद कर मारपीट कर आरोप लगाया और मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं ब्लॉक प्रमुख की तरफ से कहा गया कि सपा बलात्कार के आरोपी का साथ दे रही हैं और भाजपा के ब्लॉक प्रमुख को झूठे मुकदमे में फंसा रही है।

भाजपा नेताओं ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर सपा पर बलात्कार के आरोपी का साथ देने और भाजपा के ब्लॉक प्रमुख को झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया। भाजपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि  सपा ने बलात्कार जैसे गंभीर आरोपों में फंसे आरोपी का साथ दिया। पीड़िता को न्याय दिलाने में मदद करने पर ब्लॉक प्रमुख अनुराग सिंह सोनू और मंडल अध्यक्ष विक्रांत सिंह को फंसाया गया। सपा जिलाध्यक्ष ने आरोपी विकास यादव को साथ बैठाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जबकि पीड़िता की जाति भी पिछड़ी है, लेकिन यादव न होने के कारण उसकी अनदेखी की गई।

उन्होंने सवाल उठाया:

 "क्या समाजवादी पार्टी के लिए पिछड़ा वर्ग केवल 'यादव' तक सीमित है?"

क्या है पूरा मामला

भाजपा के अनुसार पीड़िता, जो पिछड़े वर्ग से आती है, ने आरोप लगाया कि ग्रामसभा उचिया रसूलपुर निवासी विकास यादव पुत्र रविन्द्र यादव ने शादी का झांसा देकर 2022 से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता के अनुसार, विकास ने पहले वाराणसी में मंदिर में शादी कर उसे मुंबई ले गया, जहां 6 माह साथ रहने के बाद छोड़कर भाग गया।

घर लौटने के बाद विकास दोबारा उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ पल्हना में किराए पर मकान लेकर रखा, जहाँ उसने बार-बार शारीरिक संबंध बनाए। बाद में पीड़िता को पता चला कि विकास ने किसी अन्य महिला से शादी कर ली है। विरोध करने पर आरोपी ने उसके साथ मारपीट की।

19 अगस्त को दोपहर लगभग 2 बजे पीड़िता ने आरोप लगाया कि विकास यादव और सोनू यादव ने उसे जबरन मोटरसाइकिल पर बैठाकर सुनसान जगह ले जाकर जान से मारने की कोशिश की। पीड़िता की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीणों ने उसे बचाया। आरोपी मौके से फरार हो गए।

पीड़िता ने 19 व 20 अगस्त को थाने और सीओ को तहरीर भेजी, लेकिन FIR 22 अगस्त को दर्ज हुई। थाना मेहनाजपुर में मुकदमा संख्या 0091/2025 दर्ज किया गया। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने दबाव में आकर विवेकानंद यादव का नाम हटा दिया।

आरोप है कि जब ब्लॉक प्रमुख के पीड़ित का साथ देने की जानकारी हुई तो विकास यादव और सोनू यादव 20 अगस्त की रात नशे की हालत में ब्लॉक प्रमुख अनुराग सिंह सोनू के घर पहुंचे, और उनके ड्राइवर से मारपीट की। ब्लॉक प्रमुख ने 112 पर कॉल कर दोनों को पुलिस को सौंपा। ड्राइवर घनश्याम यादव की तरफ से भी मुकदमा दर्ज कराया गया।

बता दें कि दो दिन पूर्व दो युवकों ने ब्लॉक प्रमुख अनुराग सिंह सोनू और उनके सहयोगियों पर दो घंटे तक बुरी तरह मारपीट का आरोप लगाते हुए 8 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया था।  वहीं समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने अस्पताल में दोनों युवकों से मुलाकात कर यूपी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया और प्रमुख की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी।

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