स्कूल में लगाना पड़ा ‘नो एडमिशन’ का बोर्ड, अब अभिमन्यु यादव उत्तर प्रदेश राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए किये गए चयनित
आजमगढ़ : मिर्जापुर ब्लॉक स्थित कंपोजिट विद्यालय सरायमीर के शिक्षक अभिमन्यु यादव को उत्तर प्रदेश राज्य अध्यापक पुरस्कार 2024 के लिए चयनित किया गया है। शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को उन्हें यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार द्वारा राज्यभर के चयनित शिक्षकों की सूची जारी की गई है।
बलिया जनपद के बैरिया तहसील क्षेत्र अंतर्गत सोनबर्षा गांव निवासी अभिमन्यु यादव ने वर्ष 2006 में आजमगढ़ के मोहम्मदपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय परसहां से सहायक अध्यापक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। वर्ष 2012 में उनका स्थानांतरण कंपोजिट विद्यालय सरायमीर में हुआ, जहां वे लगातार शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।
अभिमन्यु यादव के शिक्षण में नवाचार और समर्पण का अनूठा मेल देखने को मिलता है। उनकी शिक्षा पद्धति से प्रेरित होकर विद्यालय में छात्रसंख्या इतनी बढ़ गई कि पिछले पांच वर्षों से ‘नो एडमिशन’ का बोर्ड लगाना पड़ रहा है। उन्होंने 'सुपर थर्टी' योजना की शुरुआत की, जिसके तहत 30 मेधावी विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की विशेष तैयारी कराई जाती है, खासतौर पर नवोदय विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में चयन के लिए। उनकी इस पहल का सकारात्मक परिणाम यह रहा कि एक छात्र ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति परीक्षा (एनएमएमएस) भी उत्तीर्ण की।
अभिमन्यु यादव ने बताया कि उन्होंने इस पुरस्कार को पाने के लिए चार बार प्रयास किया। पहले तीन बार वे जिला स्तर पर चयनित तो हुए, लेकिन राज्य स्तरीय समिति तक उनका नाम नहीं पहुँच सका। अंततः चौथे प्रयास में उन्हें यह गौरव प्राप्त हुआ।
विद्यालय में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए उन्होंने सपनों की उड़ान योजना, अतिरिक्त कक्षाएं और स्मार्ट क्लास, शैक्षणिक डायरी वितरण एवं एजुकेशनल पार्क जैसे कई प्रभावी पहल की हैं। साथ ही उन्होंने अनाथ व गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च स्वयं उठाया। उनके इन प्रयासों ने विद्यालय को शैक्षणिक गुणवत्ता के मामले में एक आदर्श मॉडल बना दिया है। शिक्षक अभिमन्यु यादव आज प्रदेश के प्रेरणास्रोत शिक्षकों में शुमार हैं।

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