महाराजा सुहेलदेव और गोरखपुर विश्वविद्यालय के बीच ऐतिहासिक समझौता, छात्रों को मिलेंगे नए अवसर
आजमगढ़ : महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के बीच एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक सहमति पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और तकनीकी सहयोग को नई दिशा देगा।
इस ऐतिहासिक समझौते पर आजमगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार और गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए। एमओयू का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों के लिए शोध, प्रशिक्षण, सांस्कृतिक और तकनीकी आदान-प्रदान के नए अवसर प्रदान करना है।
साल 2025 में आजमगढ़ विश्वविद्यालय ने यह तीसरा बड़ा एमओयू किया है। इससे पहले विश्वविद्यालय ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, एलन हाउस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर के साथ भी शैक्षणिक समझौते किए थे। अब गोरखपुर विश्वविद्यालय के साथ हुआ यह समझौता विश्वविद्यालय की प्रगति और विस्तार का नया अध्याय जोड़ेगा।
कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने इस उपलब्धि का श्रेय विश्वविद्यालय परिवार को देते हुए कहा कि यह एमओयू नई शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों को अपनाने में सहायक होगा। इससे छात्रों और शिक्षकों के लिए नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए प्रबुद्ध वर्ग और बुद्धिजीवियों को भी आगे आना चाहिए।
इस वर्ष विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेलकूद क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की हैं। रोवर्स-रेंजर्स प्रतियोगिता में प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान, अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों की भागीदारी और खेलकूद में सराहनीय प्रदर्शन इनमें प्रमुख हैं। समझौते की जानकारी मिलते ही विश्वविद्यालय परिसर में खुशी की लहर दौड़ गई। कुलसचिव डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, उपकुलसचिव केश लाल और सहायक कुलसचिव महेश कुमार श्रीवास्तव सहित सभी ने कुलपति के प्रयासों की सराहना की।

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