दो दिवसीय कार्यशाला कृषि भवन के सभागार में सम्पन्न, जैविक खेती पर दिया बल
आजमगढ़ : नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (टिकाऊ खेती) के बारे में दो दिवसीय कार्यशाला सिधारी स्थित कृषि भवन के सभागार में आयोजित की गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए उप कृषि निदेशक ने टिकाऊ खेती की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति अक्षुण्य बनी रहती है।कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रणधीर नायक ने जैव उर्वरक नीम कोटेड यूरिया, मृदा परीक्षण, मृदा नमूना लेने की विधि एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन तथा मृदा परीक्षण के आधार पर संतुलित उर्वरकों के प्रयोग करने की जानकारी कृषकों को दी। वर्तमान समय में जिंक, मैगनीज एवं सल्फर की कमी से धान की फसल में लगने वाली बीमारियों से बचाव के सुझाव भी कृषकों को दिए। संस्थान के ही अन्य वैज्ञानिक डॉ दिनेश कुमार पांडे द्वारा उद्यान विभाग से संचालित योजनाओं की जानकारी के साथ साथ बानकी, फूलों की खेती, सब्जियों की खेती तथा मसाले की खेती के बारे में कृषकों को जानकारी दी। विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉक्टर हरीनाथ यादव द्वारा अन्न भंडारण हेतु उपयोगी बखारी, कृषि रक्षा उपकरण, स्प्रेयर मशीन, लपेटा पाइप, एचडीपीई पाइप इत्यादि पर कृषकों को मिलने वाले अनुदान की जानकारी दी। कार्यशाला में विकासखंड पल्हनी के बीस किसान, विकासखंड सठियांव के 12 किसान तथा विकासखंड रानी की सराय के कुल 8 किसानों सहित 40 किसानों को प्रशिक्षित कर विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया गया।
आजमगढ़ रिपोर्ट

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