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अशासकीय जूनियर हाई स्कूलों में नियम विरुद्ध नियुक्तियों करने पर तत्कालीन बीएसए के निलम्बन के निर्देश




आज़मगढ़ : मण्डलायुक्त ने वर्ष 2015 में अशासकीय जूनियर हाई स्कूलों में लिपिकों की नियम विरुद्ध नियुक्तियों का अनुमोदन करने पर तत्कालीन बीएसए राकेश कुमार के निलम्बन एवं विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही की संस्तुति भेजी।
 वर्ष 2015 में जनपद अनेकों सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में लिपिक के पद पर हुई नियम विरुद्ध नियुक्ति का अनुमोदन तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार द्वारा किये जाने की शिकायत दी गई। मण्डलायुक्त ने इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उनके द्वारा अपर आयुक्त (प्रशासन) की अध्यक्षता में मण्डल स्तर पर जाॅंच समिति का गठन किया गया, जिसमें एडी बेसिक एवं उप निदेशक राष्ट्रीय बचत को सदस्य नामित करते हुए पूरे मामले की जाॅंच कराने के निर्देश दिये गये थे। मण्डल स्तर पर गठित जांच समिति द्वारा उपलब्ध कराई गयी आख्या से स्पष्ट हुआ कि जिस शासनादेश में लिपिकों की नियुक्तियों का अनुमोदन दिये जाने का उल्लेख किया गया। उसमें केवल प्रधानाध्यापकों एवं सहायक अध्यापकों की भर्ती की अनुमति दी गयी है, इसके अलावा शासनादेश में केवल तत्समय के रिक्त पदों की भर्ती पर लगी रोक में शिथिलता प्रदान की गयी थी न कि उसके पश्चात रिक्त होने वाले पदों पर भर्ती किये जाने का निर्देश था। इसके बावजूद अहयायी मेंहनगर, मेहमौनी, नौबरार तुर्कचारा, कौरा गहनी, फुलवरिया सहित अन्य स्थानों के अनेकों जूनियर हाई स्कूलों में शासनादेश जारी होने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले लिपिक के पदों पर भर्ती की कार्यवाही पूर्ण कर दी गयी है। जाॅंच के दौरान यह भी पाया कि जूनियर हाई स्कूलों में लिपिक की सेवानिवृत्ति के पूर्व ही नियुक्ति हेतु तत्कालीन बीसएस राकेश कुमार द्वारा विज्ञापन निकाले जाने की अनुमति सम्बन्धित विद्यालय के प्रबन्ध तन्त्र को दी गयी थी। समिति द्वारा जांच में यह भी पाया गया कि पूर्व में सहायक निदेशक, बेसिक शिक्षा द्वारा भी मण्डल के तीनों जनपदों के बीएसए को 6 नवम्बर 2015 के शासनादेश के पश्चात विद्यालयों में लिपिक पद पर नियुक्ति/अनुमोदन शासनादेश के विपरीत इंगित करते हुए समस्त नियुक्तियों को नियम विरुद्ध बताते हुए तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने का निर्देश दिया गया था।

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