अदालत ने आरोपी को दोषमुक्त कर दारोगा के खिलाफ कार्रवाई का दिया निर्देश
आजमगढ़ : अवैध गांजा रखने के मुकदमे में सुनवाई करने के बाद अदालत ने आरोपी की मानसिक दशा को देखते हुए दोषमुक्त कर दिया। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात सौरभ सक्सेना की अदालत ने शुक्रवार को अवैध गांजा रखने के मुकदमे की सुनाई पूरी होने के बाद आरोपित की मानसिक दशा ठीक न होने के कारण उसे दोषमुक्त कर दिया। वही दूसरी तरफ वादी और विवेचक दारोगा के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
अभियोजन के अनुसार देवगांव थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर अभिषेक 20 अगस्त 2020 को सुबह लगभग लगभग नौ बजे क्षेत्र में गश्त पर जा रहे थे।सब इंस्पेक्टर अभिषेक अपने सहयोगियों के साथ बुढऊ बाबा मंदिर के पास पहुंचे तब एक व्यक्ति पर संदेह होने पर उसे रोका गया।रोके गए व्यक्ति ने अपना नाम सीताराम पुत्र शिव कुमार निवासी देउरपुर थाना देवगांव बताया। कथित तौर पर सीताराम के पास से डेढ़ किलो गांजा बरामद हुआ। विवेचना के दौरान सीताराम की मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण विवेचक ने अपना नाम छिपाने के आरोप में सीताराम पर धोखाधड़ी का भी मुकदमा कायम कर दिया। इस मुकदमे में जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने सीताराम के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। आरोपी गिरफ्तारी के बाद से ही कारागार में निरुद्ध था।
अभियोजन पक्ष की तरफ से वादी अभिषेक, कांस्टेबल दिलीप, सब इंस्पेक्टर मानिक चंद तिवारी, डा. विमलेश कुमार तथा डा. चंदन प्रसाद को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया गया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि आरोपी सीताराम मानसिक रूप से विक्षिप्त है। पुलिस ने बिना किसी वजह के उस पर फर्जी मुकदमा लाद दिया और पुलिस की जांच पर भी नाराजगी जताई। अदालत ने आरोपी सीताराम को दोषमुक्त कर दिया। अदालत ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि सीताराम का समुचित इलाज कराया जाए तथा जिलाधिकारी से निर्देश लेकर तत्काल उसे रिहा कर दिया जाए। अदालत ने विवेचक के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए पुलिस अधीक्षक को भी निर्देश दिया।
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