Breaking Reports

अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विरोध में चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेने पहुँची सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, कहा-आजमगढ़ में एयरपोर्ट की जरूरत नहीं


आजमगढ़ : जिले में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का पिछले 2 महीने से किसान विरोध कर रहे हैं। अब विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में देश की जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता व जन आंदोलन की नेता मेधा पाटकर और किसान आंदोलन से चर्चित हुई बुलंदशहर की पूनम पंडित आज आजमगढ़ पहुंची। कंधरापुर थाना क्षेत्र के मंदुरी हवाई पट्टी के निकट चल रहे आंदोलन में हिस्सा लिया। इस धरने के पक्ष में एक दिन पूर्व हरियाणा और उत्तराखंड के किसान नेता शामिल हुए थे और इसका विरोध किया था।

मेधा पाटकर ने मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्र की मोदी की और प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि विकास की गलत प्राथमिकता और अवधारणा के कारण देश के किसान, मजदूर, दलित व आदिवासी विस्थापन की त्रासदी झेल रहे हैं और यहां भी यही हालात दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा की प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून का पालन नहीं कर रहा है, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए 80% किसानों की सहमति जरूरी है। पुलिस उत्पीड़न के दम पर सरकार जमीन अधिग्रहण करना चाहती है जो कि गलत है। प्रदेश सरकार ने अंग्रेजों को भी फेल कर दिया है। 

मेधा पाटकर ने कहा कि आजमगढ़ में एयरपोर्ट की जरूरत नहीं है, बल्कि किसानों के लिए मंडिया स्थापित किया जाए शिक्षा और स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएं सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। सरकार 8 किलोमीटर हरी-भरी जमीन अधिग्रहण कर किसानों से उनका रोजगार छीन रही है। सरकार में अडानी और अंबानी प्रतिदिन हजार करोड़ रुपए कमा रहे हैं जिससे अमीरी और गरीबी की खाई बढ़ती चली जा रही है। 

मेधा पाटकर ने कहा कि अभी तक सरकार के जिम्मेदार नेताओं और जिला प्रशासन ने जनता से मिलकर उनकी समस्याओं को नहीं जाना जिलाधिकारी ने जो आंकड़े दिए हैं वह हास्यास्पद है। प्रशासन का यह कहना भी गलत है कि 80 प्रतिशत किसान जमीन अधिग्रहण के पक्ष में है। प्रशासन सिर्फ ड्रोन से सर्वे कर रहा है। आंदोलन जनता का है और अगर सरकार ने अपना कदम वापस नहीं लिया तो दिन प्रतिदिन आंदोलन की धार तेज होती जाएगी। गुजरात में 37 साल तक नर्मदा का आंदोलन चला। इसके बाद करीब 50000 लोगों का पुनर्वास हो सका। जन सहयोग से यहां भी आंदोलन कमजोर नहीं पड़ेगा।

वहीं किसान आंदोलन के दौरान चर्चित हुई पूनम पंडित ने कहा की किसान आंदोलन के दौरान भी सरकार जुमलेबाजी कर रही थी और यहां भी जुमलेबाजी की जा रही है। आजमगढ़ में कितने लोगों को एयरपोर्ट की जरूरत है। जिस तरह से सरकार किसान आंदोलन में 700 किसानों की शहादत के बाद बैकफुट पर आकर कृषि कानून को वापस ली, यहां भी सरकार को पीछे हटना पड़ेगा। आजमगढ़ में किसान आंदोलन को कुचलने के लिए शासन-प्रशासन आंदोलनरत महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर रहा है, जो सरासर गलत है।


No comments