IGRS पर शिकायतों की समीक्षा बैठक में डीएम सख्त, कई अधिकारियों का वेतन रोका, ग्राम प्रधान व सचिव पर FIR के निर्देश
आजमगढ़ : जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सुनवाई पोर्टल (IGRS) पर प्राप्त जुलाई माह की शिकायतों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान डीएम ने गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
डीएम ने स्पष्ट कहा कि जिन ग्रामों से सबसे अधिक असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हो रहे हैं, वहां अधिकारी स्वयं जाकर शिकायतकर्ताओं से संवाद करें और स्थल पर गुणवत्तायुक्त समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि संतुष्ट फीडबैक मिलने के बाद ही "स्पेशल क्लोज" किया जाए।
जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि IGRS प्रकरणों के निस्तारण के लिए सभी खण्ड विकास अधिकारियों का प्रशिक्षण कराएं।
IGRS पर प्राप्त शिकायतों में सर्वाधिक असंतुष्ट फीडबैक और शिकायतकर्ताओं से सबसे कम वार्ता होने पर जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक से स्पष्टीकरण लेने और प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को पत्र भेजने हेतु अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 को निर्देश दिया। वहीं अपर मुख्य अधिकारी आजमगढ़ द्वारा आईजीआरएस प्रकरणों में अधिक असंतुष्ट फीडबैक व शिकायतकर्ताओं से वार्ता न करने पर डीएम ने स्पष्टीकरण लेने और शासन को पत्र भेजने के निर्देश दिए। डीएम ने अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 को यह भी निर्देशित किया कि IGRS पोर्टल पर डिफाल्टर विभागों का वेतन रोका जाए।
एफआईआर के आदेश
मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त सी-श्रेणी के संदर्भ में मनरेगा योजनांतर्गत एक ही कार्य पर दो मस्टररोल तैयार कर भुगतान करने के मामले में वित्तीय अनियमितता पाई गई। इस पर जिलाधिकारी ने भ्रामक आख्या लगाने पर एडीओ पंचायत की तहरीर पर ग्राम पंचायत सिधौना, ब्लाक लालगंज के ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ थाना मेहनाजपुर में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
वहीं मण्डलायुक्त कार्यालय से प्राप्त सी श्रेणी संदर्भ में जिलाधिकारी ने बंदोबस्त अधिकारी चकबन्दी का वेतन रोकने के आदेश दिए। बैठक में उप निदेशक मण्डी (निर्माण) अनुपस्थित रहे, जिस पर डीएम ने उनका वेतन रोकने और निदेशक मण्डी को पत्र भेजने के निर्देश दिए।
डीएम ने कहा कि सभी अधिकारी IGRS से संबंधित शासनादेश जरूर पढ़ें। उन्होंने निर्देश दिया कि शिकायत मिलने पर शिकायतकर्ताओं से सीधे संपर्क किया जाए और अधिक असंतुष्ट फीडबैक वाले गांवों में जाकर वार्ता कर समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें और किसी भी दशा में प्रकरण डिफाल्टर श्रेणी में न जाने पाए। इसके साथ ही सभी अधिकारियों को पोर्टल की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 गम्भीर सिंह, जिला विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, परियोजना निदेशक डीसी मनरेगा राम उदरेज यादव, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी, उपायुक्त उद्योग एसएस रावत, जिला विद्यालय निरीक्षक उपेन्द्र कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, अभिहीत अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन सुशील कुमार मिश्र सहित अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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