दहेज हत्या के आरोपी पति को दस वर्ष की कारावास व पन्द्रह हजार रुपये का जुर्माना
आजमगढ़ : दीवानी न्यायालय ने गुरुवार को दहेज हत्या के आरोप में दोषी पाए जाने पर अदालत ने पति को 10 वर्ष की कारावास तथा पन्द्रह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर.3 संतोष कुमार तिवारी ने सुनाया।
अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा देवराज चौहान पुत्र दशरथ चौहान निवासी चकवाली रामपुर थाना बहरियाबाद जिला गाजीपुर ने अपनी पुत्री नीलम की शादी घटना से लगभग 3 वर्ष 3 माह पूर्व जितेंद्र चौहान पुत्र रामबली चौहान निवासी सिंह पुर सरैया थाना तरवा जिला आजमगढ़ के साथ की थी। जबसे देवराज चौहान ने अपनी पुत्री की शादी की थी तभी से उसके ससुराल में पति जितेंद्र चौहान, ससुर रामबली चौहान, सास माधुरी देवी तथा ननद उषा द्वारा दहेज में मांगी गई मोटरसाइकिल व सोने की चेन के लिए नीलम को आए दिन प्रताड़ित करते थे। 3 सितंबर 2014 को लगभग 3 बजे उपरोक्त लोगों ने दहेज की मांग पूरी ना होने के कारण नीलम को जला दिए। पुलिस ने उपरोक्त प्रकरण के बाबत मुकदमा कायम कर विवेचना की तथा चार्जशीट कोर्ट में प्रेषित किया। एडीजीसी विनोद कुमार यादव ने वादी मुकदमा समेत कुल 9 गवाहों को अदालत में परीक्षित किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पति जितेंद्र चौहान को दोषी मानते हुए उसे 10 साल की कारावास तथा पन्द्रह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया। वही साक्ष्य के अभाव में नीलम के ससुर रामबली चौहान सास माधुरी देवी तथा ननद उषा को दोषमुक्त घोषित कर दिया।
आजमगढ़ रिपोर्ट

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