चीनी उद्योग को 5,535 करोड़ की मदद देगी योगी सरकार
गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले यूपी के गन्ना किसानों को सब्जी उगाने की नसीहत दी थी। उन्होने कहा था कि ज्यादा चीनी के सेवन से लोग शुगर की बीमारी के शिकार हो रहे हैं। उनके इस बयान पर विपक्ष ने भी जमकर निशाना साधा था।
यूपी सरकार ने चीनी के अत्यधिक उत्पादन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के मूल्य में आई गिरावट के असर से चीनी उद्योग को राहत देने का फैसला किया है। सरकार ने चीनी मिलों को प्रति क्विंटल खरीद पर 450 पैसे का अनुदान करेगी। इसके साथ ही 4000 करोड़ रुपये का ऋण भी प्रदान करेगी। इससे गन्ना किसानों को समय से भुगतान मिलेगा और वे अगली फसल समय पर उगा सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि मौजूदा पेराई सत्र में रिकार्ड चीनी उत्पादन हुआ है।
इसके बावजूद मिलों की उत्पादन लागत के मुताबिक स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि सरकार ने अनुपूरक बजट में ही 5,535 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित कर दी थी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि गन्ना के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इस तरह 4.50 रुपए का अनुदान देने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा। 2017-18 में न्यूनतम गन्ना समर्थन मूल्य 325, 315 और 310 रुपये प्रति क्विंटल था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि चीनी मिलों को 4,000 करोड़ रुपये का साफ्ट लोन भी 5 वर्ष की अवधि के लिए 5 फीसदी ब्याज पर दिया जाएगा। इस राशि से तत्काल चीनी मिलें किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करेंगी। शेष बकाया धनराशि के लिए चीनी मिलों से कहा जाएगा कि वे 15 अक्टूबर से पहले भुगतान करें। फेडरेशन और सहकारिता क्षेत्र की चीनी मिलों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 850 करोड़ रुपए की धनराशि दी जाएगी। गन्ना मूल्य अनुदान और साफ्ट लोन के रूप में मिलने वाली धनराशि की राशि हर जनपद में जिला गन्ना अधिकारी और मिल की साझीदारी में खुले एस्क्रो एकाऊंट में भेजी जाएगी। जहां से किसान के बैंक खाते में प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य भुगतान के बकाया भुगतान दिया जाएगा। जिन चीनी मिल मालिकों ने जिन किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है, अनुदान की राशि चीनी मिल मालिकों को प्रदान कर दी जाएगी।
आजमगढ़ रिपोर्ट

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