कर्पूरी ठाकुर दलितो व पिछड़ों के मसीहा थे : रामआसरे विश्वकर्मा
आजमगढ़ : नगर स्थित सपा कार्यालय पर जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयन्ती मनाई गई। सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। समाजवादी पार्टी के पूर्वमन्त्री रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर समाजवादी आन्दोलन के पुरोधा, ईमानदार राजनेता और दलितो पिछड़ों के मसीहा थे। बिहार के एक गरीब परिवार में पैदा होकर अपने परिश्रम और संघर्ष के बल पर बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने यह साबित कर दिया कि व्यक्ति में परिश्रम और दृढसंकल्प हो तो वह संघर्ष करके बडी से बडी कुर्सी तक पहुंच सकता है। कभी गरीबी या पिछड़ापन उन्नति के रास्ते में रूकावट नहीं बनती। वह कई बार सांसद रहे। उन्होंने राजनीति में सादगी ईमानदारी और सदाचरण का आदर्श प्रस्तुत किया। उनका जीवन एक खुली किताब की तरह है, जिसे कोई भी पढ़ सकता था। सत्ता की उन्होंने कभी परवाह नहीं की। जब भी देखा बुनियादी विचारों से समझौते की ज़रूरत है तो उन्होंने सत्ता को तिलांजलि दी। वह समाजवादी आन्दोलन के देश के बड़े नेता थे। उन्होंने कम कार्यकाल में जैसी छाप छोड़ी वैसे कोई बड़े कार्यकाल में नहीं छोड़ सका। उनको आज तक इसलिए याद किया जाता है कि उन्होंने राजनीति को एक नए अर्थ और रंग दिए। समाजवादी पार्टी के लोग आज उन्हें श्रद्धा से नमन करते है और उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प लेते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष हवलदार यादव तथा संचालन हरिप्रसाद दूबे ने किया।
कार्यक्रम में पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव, महिला जिलाध्यक्ष श्रीमती बबीता चौहान, चेयरमैन श्रीमती प्रेमा यादव, जयराम पटेल, मो०हाकिम बेग, राजेश गिरि, पूर्वछात्रसंघ अध्यक्ष पप्पू यादव, देवनाथ साहू, हंसराज यादव, राजेश यादव, देवनाथ यादव ने विचार व्यक्त किये।

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