मायावती ने 7 बागी विधायकों को किया निलंबित, सपा पर बोला हमला
बुधवार को बसपा के 5 विधायकों ने राज्यसभा प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर नाम वापस ले लिया और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गए। कुछ ही घंटों के अंदर बागी विधायकों की संख्या बढ़कर 7 सात हो गई।
बसपा प्रमुख ने श्रावस्ती के भिनगा से विधायक असलम राइनी, हापुड़ के ढोलाना से असलम अली, प्रयागराज के प्रतापपुर से मुजतबा सिद्दीकी, प्रयागराज के हांडिया से हाकिम लाल बिंद, सीतापुर के सिधौली से हरगोविंद भार्गव, जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से सुषमा पटेल और आजमगढ़ के सगड़ी से वंदना सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
मायावती ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, इस बार लोकसभा चुनाव में NDA को सत्ता में आने से रोकने के लिए हमारी पार्टी ने सपा सरकार में मेरी हत्या करने के षड्यंत्र की घटना को भूलाते हुए देश में संकीर्ण ताकतों को कमजोर करने के लिए सपा के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ा था।
सपा के मुखिया गठबंधन होने के पहले दिन से ही सतीश चंद्र मिश्रा को ये कहते रहे कि अब तो गठबंधन हो गया है तो बहनजी को 2 जून के मामले को भूला कर केस वापस ले लेना चाहिए, चुनाव के दौरान केस वापस लेना पड़ा। चुनाव का नतीजा आने के बाद इनका जो रवैया हमारी पार्टी ने देखा है, उससे हमें ये ही लगा कि केस को वापस लेकर बहुत बड़ी गलती करी और इनके साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था। इनका एक और दलित विरोधी चेहरा हमें कल राज्यसभा के पर्चों के जांच के दौरान देखने को मिला। जिसमें सफल न होने पर ये 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' की तरह पार्टी जबरदस्ती बीएसपी पर बीजेपी के साथ सांठगांठ करके चुनाव लड़ने का गलत आरोप लगा रही है।

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