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बिना वर्दी के वर्दी वाला काम: जब स्कूल की छात्राएं बनीं थानाध्यक्ष, जनसुनवाई से लेकर एक्शन तक सब संभाला


आजमगढ़ : महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक अहम पहल करते हुए एसएसपी डॉ. अनिल कुमार के नेतृत्व में मंगलवार को 'मिशन शक्ति फेज-5' के तहत जिले की छात्राओं को एक दिन का थाना प्रभारी बनने का मौका मिला। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं में नेतृत्व क्षमता विकसित करना था।

जिले के 14 थानों में विभिन्न स्कूलों की छात्राओं को थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। इनमें शहर कोतवाली, सिधारी, महिला थाना, मुबारकपुर, बिलरियागंज, जीयनपुर, महराजगंज, रौनापार, अतरौलिया, कप्तानगंज, बरदह, फूलपुर, सरायमीर और तहबरपुर थाने शामिल रहे।



अनामिका बनीं शहर कोतवाली प्रभारी

प्रतिभा निकेतन स्कूल की छात्रा अनामिका तिवारी ने शहर कोतवाली में थानाध्यक्ष की कुर्सी संभाली। उन्होंने साइबर फ्रॉड, मजदूरी भुगतान में देरी और धोखाधड़ी जैसे तीन मामलों की सुनवाई की और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। अनामिका ने बताया कि उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का है। इस मौके पर कोतवाली प्रभारी यादवेंद्र पांडेय, सीओ सिटी शुभम तोदी, स्कूल प्रिंसिपल ध्रुव चंद्र मौर्य, शिक्षिका प्रीति श्रीवास्तव और कई छात्राएं मौजूद रहीं।

बरदह थाना में श्रुति का निरीक्षण

बरदह थाना में श्रुति राय ने एक दिन की थानाध्यक्ष बनकर मेस, महिला हेल्प डेस्क, साइबर सेल, हवालात और कंप्यूटर कक्ष का निरीक्षण किया। उन्होंने आमजन की समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।




फूलपुर में अंशिका और अतरौलिया में खुशी ने संभाली जिम्मेदारी 

फूलपुर कोतवाली में अंशिका राय ने महिलाओं से जुड़ी समस्याएं सुनीं और समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों को सुझाव दिए। वहीं अतरौलिया थाना में कक्षा 9 की छात्रा खुशी यादव ने थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए जनसुनवाई की और शिकायतों पर त्वरित निर्णय लिए।


यह पहल न सिर्फ छात्राओं को प्रशासनिक जिम्मेदारियों का अनुभव कराती है, बल्कि समाज में महिलाओं की भागीदारी और आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है। मिशन शक्ति के तहत चलाया गया यह कार्यक्रम जिले में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक प्रेरणादायी उदाहरण बन रहा है। इस अवसर पर पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षकगण, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

 

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