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चिकित्सकों की बड़ी लापरवाही, इलाज के अभाव में कोरोना संदिग्ध महिला की मृत्यु




आजमगढ़ : स्पेशल ट्रेन से मुंबई से आजमगढ़ पहुंची एक कोरोना संदिग्ध महिला की इलाज के आभाव में मौत हो गई। वह बुखार से पीड़ित थी और कराह रही थी। फिर बस चालक ही उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचा, लेकिन वहां डेढ़ घंटे तक कोई डॉक्टर देखने नहीं पहुंचा और अंत में महिला ने बस में ही दम तोड़ दिया।

जनपद मऊ के मधुबन थाना अंतर्गत बक्सीपुर गांव निवासी एक महिला मुंबई में रहती थी। 22 मई को वह मुंबई से बेटे के साथ ट्रेन से प्रयागराज स्टेशन पर रविवार की भोर में पहुंची। इसके बाद वहां से उसे आजमगढ़ आ रही बस पर बैठाकर भेज दिया गया। बस पौने एक बजे के लगभग रोडवेज पर पहुंची। महिला को तेज बुखार था और वह कराह रही थी।
रोडवेज पर पहले बस बाहर ही लगभग एक घंटे तक खड़ी रही। चालक ने जब यह बताया कि महिला को तेज बुखार है तो वहां हड़कंप मच गया। आनन-फानन में महिला व उसके बेटे को छोड़कर अन्य यात्रियों को उतार लिया गया। इसके बाद एंबुलेंस का इंतजार होने लगा। एक घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची तो एंबुलेंस कर्मियों के पास पीपीई किट नहीं था जिसके चलते कोई उसे उतारने नहीं गया।
आधे घंटे बाद दूसरी एंबुलेंस के साथ एसडीएम सदर व शहर कोतवाल रोडवेज पर पहुंचे, लेकिन इसके पहले ही बस चालक बस से ही महिला व उसके बेटे को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गया और आइसोलेशन वार्ड के पास जाकर खड़ाकर दिया। तीन बजे तक बस वहीं खड़ी रही, कोई भी डॉक्टर महिला को देखने नहीं पहुंचा और महिला ने कराहते हुए बस में ही दम तोड़ दिया। साढ़े चार बजे के लगभग डॉक्टर व अस्पताल कर्मियों की टीम बस में पहुंचकर महिला का शव बाहर लाई। महिला के मौत की सूचना मिलते ही अस्पताल पर भी हड़कंप मच गया।

 उसके बेटे को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। मृत महिला का सैंपल लेने के साथ ही कोरोना प्रोटोकाल के अनुरूप अंतिम संस्कार कराया जाएगा।

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